चैत्र नवरात्रि 30 मार्च तक है। आज नवरात्रि का सातवां दिन है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा-उपासना का विधान है। साधक नवरात्रि के अन्य दिनों की भांति सुबह में मां की पूजा करते हैं। वहीं, मंदिर में रात के समय में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इसके लिए साधक रात्रि में जागरण करते हैं। इस दौरान कीर्तन-भजन का आयोजन किया जाता है। भक्त मां के भजन गाकर मां की भक्ति करते हैं। साधकों की भक्ति देख मां भी प्रसन्न होती हैं। अगर आप भी मां को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो नवरात्रि में ये भजन जरूर करें। आइए जानते हैं-
दया करो मां दया करो
अब तो मुझ पर दया करो
दया करो मां दया करो…अब तो मुझ पर दया करो
देर भई बड़ी देर भई
यूं न देर लगाया करो
मुदत हो गई हाथ पसारे
अभी सुनी फरियाद नहीं
(अभी सुनी फरियाद नहीं)
माँ जग जननी इन बच्चों की
आई तुम्हे क्यों याद नहीं
(आई तुम्हे क्यों याद नहीं)
हम हैं बड़े कमजोर
हम हैं बड़े कमजोर
हमारा सबर न यूँ आज़माया करो
(दया करो माँ दया करो
अब तो मुझ पर दया करो)
दया करो माँ दया करो
अब तो मुझ पर दया करो…
2.
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
जय बोलो जय माता दी, जय हो…
जो भी दर पे आए, जय हो…
वो खाली न जाए, जय हो…
सबके काम है करती, जय हो…
सबके दुखरे हरती, जय हो…
मैया मेरी शेरोवाली, जय हो…
भरदे झोली खाली, जय हो…
मैया मेरी शेरोवाली, जय हो…
भरदे झोली खाली जय हो…
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ…
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ…
3.
झूला तो पड़ गएँ, अम्बुआ की डार पे जी,
एजी कोई राधा को, गोपाला बिन राधा को,
झुलावे झूला कौन,
झूला तो पड़ गएँ, अम्बुआ की डार पे जी,
धीरज धर ले, मन समझाए ले री,